Gst Regular GSTR-1 Return in hindi


1.GSTR-1 Return filing in Tally ERP 9 |GSTR 1 Tally| How to file GSTR 1 Return Tally





जीएसटीआर-1 कैसे भरें | How To File GSTR-1 in Hindi


जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया में पहला नंबर आता है GSTR-1 का। ये सिर्फ पहला ही नहीं होता, ये आगे आने वाले सभी फॉर्मों की नींव (base) भी होता है।
एक बार इसको भरने का तरीका आप जान गए तो आगे किसी भी GST Return फॉर्म को भरने में आपको ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। सबको भरने की प्रक्रिया लगभग एक जैसी होती है, बस मदों का अंतर होता है। तो आइए जानते हैं GSTR-1 को भरने की Process और इससे जुडी प्रमुख जानकारियां।

जीएसटीआर-1 किसे भरना है? Who needs to file GSTR-1

GSTR-1  में आपको पिछले महीने में हुई सभी तरह की बिक्री (outward supplies) का ब्योरा भरना है। जीएसटी सिस्टम में Composition Scheme लेने वाले और कुछ अन्य विशेष Category के कारोबारियों को छोड़कर सबको GSTR-1 भरना अनिवार्य होता है। Composition Scheme लेने वाले और अन्य विशेष Category के कारोबारियों के लिए, अलग GST return Form जारी किए गए हैं।

जीएसटीआर-1 किसे नहीं भरना है? Who needn’t to file GSTR-1


जीएसटीआर-1 भरने की अंतिम तिथि|  Due date of filing GSTR-1

इसको आप Business month के तुरंत बाद वाले महीने की 10 तारीख तक भरकर जमा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए  July महीने की पूरी बिक्री के लिए August महीने की 10 तारीख तक GSTR-1 जमा किया जा सकता है। इसी तरह August महीने की बिक्री के लिए 10  September  तक GSTR-1 भरकर जमा किया जा सकता है। आगे भी हर महीने के Business के लिए अगले महीेने की 10 तारीख तक GSTR-1 जमा किए जाएंगे।
Note : जीएसटी रिटर्न भरने में तकनीकी व अन्य व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने शुरुआत के दो महीनों जुलाई और अगस्त के GST रिटर्न भरने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। जुलाई 2017 महीने का GSTR-1 अब 10 अगस्त की बजाय 1 से 5 सितंबर के बीच भरा जा सकता है। इसी प्रकार अगस्त 2017 का GSTR-1 अब 10 सितंबर की बजाय 16 से 20 सितंबर के बीच भरा जा सकता है।
इन दो महीनों (जुलाई व अगस्त 2017) के दौरान हुए कारोबार के लिए सरकार ने एक सिंपल रिटर्न फॉर्म GSTR-3 B जारी किया है। इसमें आपको सिर्फ सारी बि​क्रियों, खरीदारियों, टैक्स देनदारी का अनुमानित टोटल और कुल जमा किए गए टैक्स की जानकारी देनी है। देखें: जीएसटी रिटर्न फॉर्म GSTR-3B कैसे भरें

जीएसटीआर-1 मे भरे जाने वाले डिटेल| Details To be filled in GSTR-1 ?

how to fill gstr-1
इसमें आपको पिछले महीने में हुई सभी तरह की बिक्री (outward supplies) का ब्योरा भरना है। इस फॉर्म में कुल 13 तरह के detail  आपको भरने पड़ते हैं। इनकी  जानकारी हम यहां दे रहे हैं।
1.जीएसटिन नंबर (GSTIN number): टैक्स जमा करने वाले का GSTIN नंबर. आपने जिस नंबर से login किया है, वही नंबर आपको GSTR-1 फॉर्म में ऊपर अपने आप दर्ज दिखेगा।
2.नाम (Name): टैक्स जमा करने वाले का नाम । यह भी GSTR-1 फॉर्म में अपने आप दर्ज मिलेगा।
3.सालाना कारोबार (Gross Turnover): पिछले वित्तीय वर्ष (Financial Year) के दौरान आपने जितना कारोबार किया है उसकी जानकारी देनी है। यह सूचना आपको सिर्फ तभी भरनी होती है, जबकि आप पहली बार GST Return भर रहे हों। अगली बार से यह भी अपने आप आपके GST Return Forms पर दर्ज मिलेगी।
4.महीना और वर्ष (Month & Year): आपके सामने वर्ष और महीने का drop down दिखेगा। इसमें से जिस वर्ष के जिस महीने की बिक्री के लिए आप रिटर्न दाखिल कर रहे हैं, उसको select करना है।
5.बिके माल पर मिला जीएसटी (Tax on outward supplies): जो माल राज्य के अंदर बिका है, उस पर एकत्र किए गए CGST and SGST का डिटेल यहां देना है। अगर आपका माल राज्य के बाहर भेजा गया है तो उस पर मिले IGST का उल्लेख करना है। GST Free वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री का Details भी देना होगा।
6. 2.5 लाख रुपए से ऊपर के सौदे (Outward Supplies value exceeds Rs. 2.5 lakhs): उन सभी ग्राहकों को की गई बिक्रियों का उल्लेख अलग से करना है, जिन्हें 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का माल बेचा गया है।
7. ऊपर के दोनों मदों से छूटी हुई सभी बिक्रियां (supplies) इस सेक्शन में भरी जानी हैं।
8. कुल जमा और कुल टैक्स क्रेडिट का ब्योरा (Debit Notes or Credit Notes Details)
9. पहले की गई किसी बिक्री में संशोधन (Amendments to the details of any outward supplies) : पहले की किसी महीने में की गई बिक्रियों में किसी तरह का बदलाव करना है तो इस section का इस्तेमाल करें। debit या credit notes में कोई बदलाव इसके क्षेत्र में नहीं आता।
10.जीएसटी से छूट वाली बिक्री (Exempted, Nil-Rated and Non-GST Supplies): इसमें उन बिक्रियों का उल्लेख करना है, जिन पर GST लागू नहीं होता। ऐसी वस्तुओं में पूरी तरह टैक्स छूट वाली, Zero रेट वाली, जीएसटी के दायरे से बाहर की वस्तुओं की बिक्री (Outward Supplies) का उल्लेख करना है। ध्यान दें: अगर ऐसी किसी बिक्री का जिक्र ऊपर के किसी Section में हो गया है तो फिर उसका दोबारा से यहां भरने करने की जरूरत नहीं है।
11.निर्यात (Export Sales): अगर आपने देश से बाहर किसी सामान को भेजा है तो उसका उल्लेख इस section में करना है।
12.एडवांस जीएसटी (Tax Liability arising out of advance receipts) किसी ग्राहक की ओर से माल के लिए Advance जमा पर मिलने वाला वाले कुल GST टैक्स का भी उल्लेख यहां करना है।
13.जमा टैक्स (Tax Paid):  आप जो टैक्स का भुगतान कर चुके हैं, उसका ब्योरा यहां देना है।

जीएसटीआर-1 भरने की प्रक्रिया| Process To File GSTR-1 Online?

आप GSTN portal अपने username और password से लॉगइन करके ऑनलाइन GSTR-1 फॉर्म भर सकते हैं।
स्टेप -1: Homepage के सबसे ऊपर पट्टी में मौजूद “Services” ऑप्शन पर क्लिक करिए। आपके सामने Returns का ऑप्शन आएगा। इस पर क्लिक करते ही Returns Dashboard सामने आएगा।
स्टेप-2: Returns Dashboard में आपको उस financial year और month का चुनाव करना है, जिसका आप रिटर्न भरना चाहते हैं। इनको भरने के बाद जैसे ही आप क्लिक करते हैं, आपके सामने उस महीने से संबंधित सारे returns टाइलनुमा स्थिति में दिखने लगते हैं।
स्टेप3:आपको इनमें से GSTR-1 वाली टाइल को select करना है। फॉर्म में आपको ऊपर बताए गए 13 सेक्शन में मांगे गए सभी डिटेल भर देने हैं।इसे आप चाहें तो Online ही भर सकते हैं, या फिर पहले Offline भरकर बाद में उसे upload भी कर सकते हैं।
स्टेप4: अब आप अपनी सारी रसीदों (invoices) को Add कर दीजिए। आप सभी invoices को direct upload भी कर सकते हैं।
स्टेप5: Submit का बटन दबाइए। आपके सामने फार्म में भरी हुई जानकारियों को मंजूर(validate) करने का मौका होगा। एक बार फिर से सभी जानकारियों पर नजर मार लीजिए। संतुष्ट होने पर FILE GSTR-1 का बटन दबा दीजिए। इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए आपको अपने E-Sign or digital Sign भी करने पड़ेंगे।
स्टेप6: आखिर में आपके सामने confirm का pop-up बटन आता है। इस पर yes या no के ऑप्शन मिलते हैं। जैसे ही आप yes का बटन दबाते हैं, आपको Acknowledgement Reference Number (ARN) मिल जाता है। ये आपकी ओर से Form GSTR-1 भरे जाने का प्रमाण होता है।

जीएसटी रिटर्न में हस्ताक्षर कौन सा| Which type of sign in GST Return

जीएसटी रिटर्न कंप्लीट होने के पहले आपको इसमें हस्ताक्षर करने पड़ते हैं। इसके लिए आपके सामने दो विकल्प होते हैं।
अगर रिटर्न सामान्य कारोबारी, दुकान संचालक, पार्टनरशिप फर्म या HUF आदि का है तो उसमें “E-sign” का विकल्प अपना सकते हैं ।लेकिन, इस विकल्प को आप तभी कर पाएंगे, जबकि आपके पास Aadhar Card Number होगा। आधार नंबर के साथ दर्ज मोबाइल नंबर पर ही आपके E-sign का verification करने के लिए OTP भेजा जाएगा।
अगर रिटर्न किसी कंपनी, एलएलपी (Limited Liability Partnerships) या एफएलएलपी (Foreign Limited Liability Partnerships) की ओर से है तो उसमें digital Sign लगते है। इसके लिए आपको पहले से digital signature certificate (DSC) तैयार करवा लेना होगा।

जीएसटी रिटर्न में देरी पर पेनाल्टी | Late Fee in GST Returns

अगर आप तय तिथि पर GSTR-1 भरकर जमा नहीं करते हैं तो लेट फीस भरनी पड़ेगी। यह 100 रुपए प्रति अकाउंट व प्रतिदिन के हिसाब से लगेगी। लेट फी अधिकतम 5000 रुपए तक हो सकती है। यह late fee निर्धारित अंतिम तिथि के बाद GSTR-1 रिटर्न फॉर्म भरने पर ऑटोमैटिक आपके account में दिखने लगती है।

जीएसटीआर-1 को भरने में ध्यान रखने योग्य बातें| Important Points

रसीदों को शुरुआत से ही अपलोड करते चलें| upload invoices Regularly?
GSTR-1 को महीना पूरा होने के बाद अगले 10 दिन के अंदर भरकर जमा करना होता है, लेकिन इसमें अपने कारोबार की रसीदों (invoices) को आप कारोबारी महीने की 1 तारीख से लेकर अगले महीने की 10 तारीख तक यानी कि लगभग 40 दिन में कभी भी upload कर सकते हैं। इस दौरान जरूरत समझने पर आप इनमें बदलाव (अगर सौदे में कोई change हुआ है तो) भी कर सकते हैं।
इन गलतियों से बचें| Avoid These Mistakes
जीएसटीआर-1 को भरते समय इन गल तियों के होने की संभावना ज्यादा होती है। थोड़ी सतर्कता बरतने पर इनसे आसानी से बचा जा सकता है।
  • वस्तुओं का एचएसएन कोड गलत दर्ज करना |  incorrect HSN codes
  • सर्विस एकाउंटिंग कोड गलत दर्ज करना | Wrong Service Accounting Codes
  • गलत टैक्स रेट लगा देना| charging incorrect tax rates
  • राज्य के बाहर की बिक्री को राज्य के भीतर की बिक्री में जोड़ देना | treating a sale as an intra-state sale instead of inter-state sale
  • टैक्स की रसीद को दोबारा चढ़ा देना | mentioning a tax invoice twice and the like.
  • माल भेजने का पता गलत हो जाना | Wrong shipping address

भूल-चूक सुधारने का मौका | How to amend GSTR-1?

ऐसा हो सकता है कि किसी सामान की बिक्री supply का डिटेल आपने गलत भर दिया हो। ऐसे GSTR-1 दाखिल करने के बाद भी उसमें आप बदलाव कर सकते हैं। गलतियों की गुंजाइश और उनके समाधान के कुछ तरीके हम यहां बता रहे हैं…
  • आमतौर पर विक्रेता supplier की ओर से गलत सौदे का उल्लेख करने पर खरीदार (recipient) की ओर से उसे reject किया जा सकता है। supplier को इसके संबंध में पोर्टल में मौजूद उसके अकाउंट में ऑनलाइन ही सूचना मिल जाएगी। जिसे वह सुधार सकता है।
  • इसी तरह खरीदार की ओर से गलती से किसी सौदे को दर्ज किए जाने पर विक्रेता उसे Jurisdictional Authority को report कर सकता है। Jurisdictional Authority के पास तथ्यों की पुष्टि करने और सही निर्णय का अधिकार होगा।
  • हो सकता है कि आप गलती से किसी खरीदारी की रसीद दूसरी बार अपलोड कर दें। इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर पर एक सिस्टम डाउन लोड करना होगा, जो आपके GSTIN, financial year और invoice number का मिलान करते हुए आपके रिपिटीशन को कंप्यूटर में दिखाने लगेगा।
  • ऐसा भी हो सकता है कि विक्रेता को अपनी किसी tax invoice की सूचनाओं में बदलाव करना हो, जोकि वह पहले ही GSTR-1 में दर्ज कर चुका हो। ऐसा वह तभी कर सकता है, जबकि खरीदार recipient भी उस बदलाव को मंजूरी दे दे। ऐसी स्थिति में supplier को supplementary invoice या credit note जारी करना पड़ता है, जिस invoice में वह बदलाव करना चाहता है। अगर खरीदार ने सौदे के पहले वाले डिटेल को मंजूर कर लिया तो फिर  supplier के पास tax invoice में बदलाव करने का कोई मौका नहीं होगा।
तो आज आपने GSTR-1 भरना तो सीख लिया लेकिन क्या GST के बारे में पूरी जानकारी है।  अगर नहीं है तो इसे जरूर समझ लीजिए क्योंकि उसके बाद सब कुछ आसान लगने लगेगा।

End Of Statement

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